डिजिटल गोल्ड में छुपा जोखिम: SEBI ने सौदों पर दी चेतावनी

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डिजिटल गोल्ड निवेश का चलन तेजी से बढ़ रहा है। ऑनलाइन विज्ञापनों में “कम राशि में गोल्ड खरीदें” जैसे संदेश आम हो गए हैं। लेकिन सेबी (SEBI) ने निवेशकों को आगाह किया है कि इन लेनदेन को कोई नियामक नियंत्रण नहीं करता और न ही इन प्लेटफॉर्म्स पर निवेश के लिए सुरक्षा कवच उपलब्ध है।

संक्षेप में पढ़ें

  • SEBI ने घोषणा की है कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर बिकने वाले ‘डिजिटल गोल्ड’ / ई-गोल्ड उत्पाद उसके नियंत्रण के बाहर हैं।
  • इन उत्पादों में निवेश करने वाले को SEBI की सुरक्षा-योजनाएं नहीं मिलेंगी; जोखिम बहुत अधिक है—विशेषकर काउन्टरपार्टी और संचालन संबंधी जोखिम।
  • विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि यदि सोना निवेश करना है, तो बेहतर है कि ऐसे पारंपरिक और नियंत्रित विकल्पों की ओर देखें, जैसे कि गोल्ड ETFs या सोवरेन गोल्ड बॉन्ड्स।

महत्वपूर्ण बातें 

  • डिजिटल गोल्ड क्या है?
    • यह एक ऐसा निवेश विकल्प है जहाँ आप ऐप या प्लेटफॉर्म पर कम राशि से ‘गोल्ड यूनिट’ खरीदते हैं, जिसे बाद में सिक्का या बार में बदला जा सकता है।
    • लेकिन इसका बड़ा फर्क यह है कि ये यूनिट्स शायद पूर्ण रूप से फिजिकल गोल्ड द्वारा बैक नहीं हों या उनका ऑडिट पूरा न हो।
  • SEBI का कहना क्या है?
    • SEBI ने स्पष्ट किया है कि ये डिजिटल-गोल्ड / ई-गोल्ड उत्पाद “सिक्योरिटी” नहीं हैं और न ही कमोडिटी डेरिवेटिव्स के रूप में परिभाषित हैं — इसलिए उनकी निगरानी उसके दायरे में नहीं आती।
    • निवेशकों को चेतावनी दी गई है कि इनमें निवेश करने से पहले “पूरी जानकारी” लें क्योंकि किसी भी तरह की समस्या होने पर सेबी इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा।
  • मुख्य जोखिम क्या-क्या हैं?
    • काउन्टरपार्टी जोखिम: यदि उस प्लेटफॉर्म या संस्था की वित्तीय स्थिति खराब हो जाए, तो आपका निवेश प्रभावित हो सकता है।
    • संचालन जोखिम: बैकअप संसाधन, भौतिक गोल्ड क्या मौजूद है?, भरोसेमंद लॉजिस्टिक्स क्या है? आदि सवाल हैं।
    • नियामकीय सुरक्षा की कमी: SEBI की मानक सुरक्षा प्रावधान इन उत्पादों पर लागू नहीं होती।
  • क्या करें- क्या न करें?
    • यदि आप गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं, तो ऐसे विकल्प देखें जो SEBI द्वारा नियंत्रित हों — जैसे गोल्ड ETFs, गोल्ड म्युचुअल फंड्स, सरकारी गोल्ड बॉन्ड्स।
    • किसी भी डिजिटल-गोल्ड प्लेटफॉर्म पर निवेश करने से पहले निम्न बातों को जरूर जाँचे-
      • प्लेटफॉर्म का नाम, उसका बैकअप गोल्ड कहां रखा है।
      • क्या निवेश को तुरंत भौतिक रूप से निकाला जा सकता है?
      • प्लेटफॉर्म की वित्तीय स्थिति, समीक्षा व भरोसेमंदता।
    • यदि किसी प्लेटफॉर्म ने बहुत कम राशि से “बहुत बड़े लाभ” का आश्वासन दिया है, तो निवेश करने से पहले अतिरिक्त सावधानी बरतें।

निष्कर्ष

डिजिटल गोल्ड एक आकर्षक निवेश विकल्प हो सकता है, लेकिन इसमें कई जोखिम भी छिपे हैं। निवेशकों को डिजिटल गोल्ड में निवेश करते समय सावधानी बरतनी चाहिए और निवेश करने से पहले सभी जोखिमों को समझना चाहिए। SEBI की चेतावनी को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है और केवल विश्वसनीय और प्रतिष्ठित प्रदाताओं से ही डिजिटल गोल्ड खरीदना चाहिए। SEBI ने इस बार अपनी चेतावनी काफ़ी स्पष्ट दी है: “जो हमारे दायरे में नहीं है, उसमें भरोसा कम रखें।

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