
इटली की सत्ताधारी पार्टी ब्रदर्स ऑफ इटली (FdI), जो प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के नेतृत्व में है, ने देशभर में बुर्का और नक़ाब जैसे इस्लामिक फेस कवरिंग पर बैन लगाने का प्रस्ताव रखा है। यह कदम सुरक्षा और सामाजिक एकता के नाम पर उठाया गया है, हालांकि विपक्ष का कहना है कि यह धार्मिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला है।
नए प्रस्ताव के तहत स्कूलों, दफ्तरों, दुकानों और विश्वविद्यालयों में फेस कवरिंग पहनने पर प्रतिबंध होगा। अगर कोई व्यक्ति इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उसे 300 से 3,000 यूरो तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। साथ ही, ऐसे धार्मिक संगठनों पर सख्ती बढ़ेगी जो विदेशी फंडिंग प्राप्त करते हैं या राज्य द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं हैं।
सरकार का दावा है कि यह कानून धार्मिक स्वतंत्रता को नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करेगा। दूसरी ओर, मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि यह कदम मुस्लिम महिलाओं को निशाना बना सकता है और समाज में भेदभाव को बढ़ावा देगा।
फ्रांस, बेल्जियम और डेनमार्क जैसे देशों में पहले से ही ऐसे कानून लागू हैं। अगर इटली ने यह बिल पास कर दिया, तो यह यूरोप के अन्य देशों के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है।
आखिरकार, यह मुद्दा सिर्फ सुरक्षा या धर्म का नहीं बल्कि पहचान और स्वतंत्रता के बीच संतुलन का है — जिसे तय करना आसान नहीं होगा।


